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हिन्दी भाषा (कविता) Editior's Choice

हिंदी की बिंदी ने कह दी, अक्षर अक्षर महत्व कहानी।
हिंदी सुशोभित राजभाषा, स्वाधीन भारत की निशानी।

हिंदी का सर्वोच्च शिखर है, कोई छोटा बड़ा नहीं है।
अक्षर हैं सम माल्य मुक्ता, अर्द्ध वर्ण तत्पर विज्ञानी।

विवेकानन्द व्याख्यान हिन्दी, जनता उनके पीछे-पीछे।
सुन कर महिमा हिंदी की, जन-जन ने हिंदी पहचानी।

संस्कृति संस्कारित भाषा, शब्द शब्द मर्यादित शोभा।
कवियों की कविता है हिन्दी, हिंदी भाष्य सरसता जानी।

हिंदी में ओमकार गूँजे, मन अंतर झंकार समाए।
बेटी है संस्कृत की प्यारी, सब भाषाओं की ये रानी।

भारत ललाट चंद्र बिंदी, दीप्ति आभूषित भूषण है।
नित नव्या सोपान तरक्की, देश धरोहर बहुत पुरानी।

अलंकार नवरस की महिमा, कवित्त, दोहे छंद, सवैये।
सहज सरल सुन्दर भाषा ही, तत्व सनातन शान बखानी।

हिंदी में विज्ञान समाया, भू-तल संग शून्य समाया।
ऋषि तपस्वी भाषा हिंदी, वेद पुराण सुनाएँ ज्ञानी।

भारत माँ का भाल सजाएँ, चन्द्र बिन्दु चंदन से बनाएँ।
सबकी नैतिक ज़िम्मेदारी, हिंदी 'श्री' हम हिन्दुस्तानी।


लेखन तिथि : 14 सितम्बर, 2021
            

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