भारत मेरा देश है, मिट्टी मेरी शान।
कहो गर्व से देश की, हिन्दी है पहचान।।
एक देश है विश्व में, भारत जिसका नाम।
बसते धर्म अनेक है, सबको करूँ प्रणाम।।
हिन्दी आत्मा है यहाँ, संस्कृत सबका साज़।
पावन धरती देश की, हिन्दी है आवाज़।।
पग-पग बदले बोलियाँ, क़दम-क़दम पर रूप।
एक समय में सब मिले, कहीं छाँव तो धूप।।
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