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हे गणेश! (कविता)

हे गणेश गिरिजा सुवन!
जय गणपति महाराज।

मंगल मूर्ति शिव तनय,
पूर्ण करो सब काज।

हर माता की गोद को,
रखो सदा आबाद।

सार्थक कर दो जन्म ये,
ना होवे बरबाद।

दुखियारों के दुःख हरो,
रखो सबकी लाज।

सारे पातक माफ़ कर,
भेंटो सबसे आज।

रोग दोष दारिद्र्य को,
दूर करो महाराज।

हे गणेश गिरिजातनय!
जय गणपति महाराज।


लेखन तिथि : 31 अगस्त, 2022
            

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