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धूल, धुआँ, आँधी चले (दोहा छंद)

धूल, धुआँ, आँधी चले, नदी छोड़ती कूल।
पावस रही सुधारती, गर्मी की यह भूल।।


लेखन तिथि : 24 जुलाई, 2020
            

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