देशभक्ति / सुविचार / प्रेम / प्रेरक / माँ / स्त्री / जीवन

दे दे मुझको तेरा हाथ (कविता)

ना मुझे धन दौलत,
ना मुझे स्वर्ग चाहिए।
साथ रहो बस तुम मेरे,
ऐसा प्यार भरा पल चाहिए।।

नयनों में बसे हो बस
एक दूजे के सपने अपने हो।
अगर मिले मुझे कुछ तुमसे,
तो वो तुम मेरे अपने हो।।

गिनकर साँसे लाया हूँ,
छोड़ उन्हे यही जाऊँगा।
अगर तुम लौट आई तो,
आख़िर तक साथ निभाऊँगा।।

ख़ुशियों भरा हर पल दूँगा,
झोली तेरा प्यार से भर दूँगा।
बदले में सिवा तुमसे दो पल,
और प्यार तुम्हारा तुमसे लूँगा।।

कहने को ना कुछ मेरे पास,
मुझे तो बस चाहिए तेरा साथ।
मम्मी पापा अगर राज़ी तेरे,
तो दे दे मुझको तेरा हाथ।।


रचनाकार : अंकुर सिंह
लेखन तिथि : अप्रैल, 2021
            

रचनाएँ खोजें

रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें