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ब्राह्मन कोय न होय (दोहा छंद) Editior's Choice

ऊँचे कुल के कारणै, ब्राह्मन कोय न होय।
जउ जानहि ब्रह्म आत्मा, रैदास कहि ब्राह्मन सोय।।


रचनाकार : रैदास
            

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