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बेटियाँ एक पीढ़ी बनाती (कविता)

रातों की रानी ने
जीवन में उजाला ला दिया
ख़ुद को
श्रम, संयम से साधा वो
अपने हुनर का
लोहा मनवा लिया।

अरे ये तो लड़की है!
सब कहते फिरते थे
जिसने अपनी पीढ़ी को
उजियारा बना दिया
उजियारा बना दिया।

ज्ञान की भट्टी में ख़ुद को झोंक दिया
माँ-बाप, गुरु, भाई
सबको श्रीपद दिया
सबको श्रीपद दिया।

हर बेटी ये काम करें
दुनियाँ में अपना नाम करें
क्योंकि बेटियाँ एक पीढ़ी बनाती हैं
जिसकी सीढ़ी स्वर्ग तक जाती हैं
जिसकी सीढ़ी स्वर्ग तक जाती हैं।


रचनाकार : विनय विश्वा
लेखन तिथि : 16 मार्च, 2022
कैमूर की बेटी रातरानी (इंटर परीक्षा में जिला टॉपर) के लिए साथ ही उन तमाम बेटियों को समर्पित है यह कविता जो अपने लक्ष्य को समर्पित होकर कार्य कर रहीं हैं।
            

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