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बाहर कदमों की आहट (नवगीत)

बाहर कदमों
की आहट!

खुला जंगला
भोर हुई!
प्रेयस् हुआ
हिलोर हुई!!

कुत्तों की
है गुर्राहट!

किरण दरीचे
से झाँके!
धूप दोपहर
को टाँके!!

सख़्ती में
है नरमाहट!


  • विषय :
लेखन तिथि : 2019
            

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