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बारिश है दुल्हन बनी (दोहा छंद)

बारिश है दुल्हन बनी, मेघ रचाते ब्याह।
पावस में मिटने लगी, जेठ मास की दाह।।


लेखन तिथि : 29 जुलाई, 2020
            

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