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अकेले हम अकेले तुम (कविता)

हमारे अपने विचार हैं
हमारी अपनी सोच है,
पर सच यही है कि
न हमारा कोई है
न हम किसी के हैंं।
हम कल भी अकेले थे
आज भी अकेले हैं,
कुछ ऐसा ही तुम्हारे साथ है
बस रिश्तों के झमेले हैं।
फिर भी हम हों या तुम
अकेले थे अकेले ही रहे हैं
अकेले ही रहेंगे जीवन भर
सिर्फ़ अकेले और अकेले
न तुम हमारे हो सकोगे
न हम कभी होंगे तुम्हारे।


लेखन तिथि : 29 जनवरी, 2022
            

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