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अभिनंदन नव वर्ष तुम्हारा (कविता)

आओ नए वर्ष में यह संकल्प करे,
बीती बातों को नज़रअंदाज़ करे।
दिए जो ज़ख़्म हमें पुराने साल ने,
मिलकर ख़ुशियों से उन्हें नष्ट करे।।

आपसी मतभेद सबसे हम मिटाए,
घर परिवार में फिर से प्यार बढा़ए।
समाज देश में अपनी प्रतिष्ठा लाए,
मिलकर नूतन वर्ष के जश्न मनाए।।

खुली बाहों से वेलकम करे इसका,
आभार करे अपने-अपने परमेश्वर का।
जिसने नया सवेरा हमको दिखाया,
मौत के मुँह से हम सबको बचाया।।

घर-घर मे आज ख़ुशियाँ मनाओ,
निर्धन, मज़दूर का साथ निभाओ।
इनको भी लगे आया है नया साल,
सब लोगों में दे प्यार और उपहार।।

अभिनंदन करो इस नूतन वर्ष का,
आस लगाओ अपनों की राह का।
एक नई उदय का सवेरा हो जाए,
समय भी सब का साथ देता जाए।।


रचनाकार : गणपत लाल उदय
लेखन तिथि : 6 नवम्बर, 2020
            

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