आज टूटी सी भुजा है,
यानि घायल अब शुजा है।
एक दूजे के लिए हैं,
राम हैं मानो कुजा है।
ये बहारें हैं बलाएँ,
गर बवंडर ही अजा है।
आँख में आँसू बसे हैं,
प्रीत करना भी सजा है।
जो सदा हिटलर बने थे,
हाँथ में धार्मिक ध्वजा है।
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