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घनाक्षरी छंद
हिंदी भाषा - रविंद्र दुबे 'बाबू'
सृजन तिथि : 1 सितम्बर, 2022
हिन्दी भाषा जानो! हिन्द जो है मेरा अभिमान, मातृभू की वंदनीय, भाषा सुखदायी है। सरल सहज तान, स्वर लय माला गीत, पहचान
गणपति विनायक - रविंद्र दुबे 'बाबू'
सृजन तिथि : 31 अगस्त, 2022
स्वामी मंगलकरता, गजकाय विनायक। ऋद्धि सिद्धि हरषित, मोह दिखावत है॥ तिरलोकी शिवसुत, भव कलुष नाशक। गौरी तनय गणेशा,
गोस्वामी तुलसीदास - रविंद्र दुबे 'बाबू'
सृजन तिथि : 2 अगस्त, 2022
श्रवन दिवस भव, भगत सफल जग। मंगल भवन कह, जनकवि नरहरि।। पवन लहर चल, पुलकित तन मन। हरि कवि प्रेम वस, विषधर चढ धरि।। प्र
हरि - रविंद्र दुबे 'बाबू'
सृजन तिथि : 25 जुलाई, 2022
कमल नयन पट, नमन सकल जर, खलल जगत जब, हरि उठ छल धर। तप जप वश कर, बम शिव धर वर, मटक कमर तब, भसम करत खर। क़हर परशुधर, बरसत डटकर
गुरु महिमा - रविंद्र दुबे 'बाबू'
सृजन तिथि : 8 जुलाई, 2022
गुरु ज्ञान का अमृत, जिसका न कभी अंत। अज्ञानता गुरुवर, करते हरण-हरण॥ दीप ज्ञान का जलाए, अंधकार को मिटाए। नमन वंदन गु
शशिधर बम बम - रविंद्र दुबे 'बाबू'
सृजन तिथि : 2022
तिलक विजय सज गंग लट जट सट। हर हर सब पर बम बम बम बम॥ कंठ पर विषधर विष पिय जमकर। बम बम बम बम हर हर बम बम॥ सरपट करतल अप
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