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हाइकु

प्रेम का अस्तित्व
आशीष कुमार
1. शिव पार्वती कैलाश सुशोभित अमर प्रेम 2. सिया राम हैं वन-वन भटके प्रेम अटल 3. राधा कृष्ण सा दुनिया देखी नहीं प्रे
सूरज
आशीष कुमार
1. सूरज हूँ मैं प्रकाश बिखेरता तम मिटाता 2. सौर मंडल गतिशील रहता परिक्रमा में 3. ऊर्जा स्रोत हूँ संचरण करता जोश भ
नारी
संजय राजभर 'समित'
नारी सदैव देश, धर्म औ' आन परिचायिका। ममता, स्नेह वात्सल्य, दया, क्षमा साक्षात रूप। नारी नदी सी जीवनदायिनी है गति

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