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विमल कुमार 'प्रभाकर'

विमल कुमार

प्रभाकर

5 फ़रवरी, 1996

बारे में


विमल कुमार 'प्रभाकर' का जन्म 5 फरवरी 1996 ई० में उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जनपद के काकाबेरी नामक गाँव में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री मोहन लाल और माता का नाम श्रीमती माया देवी है।
प्रारम्भिक शिक्षा गृह जनपद फतेहपुर में हुई और उच्च शिक्षा के लिए 2016 में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय आ गए। यहीं से 2018 में एम०ए० (हिन्दी) की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। लगातार परिश्रम करते हुए हिन्दी से यू०जी०सी० (नेट, जे.आर.एफ.) की परीक्षा उत्तीर्ण की। मदनमोहन मालवीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कालाकाँकर (प्रतापगढ़) से 2020 में बी०एड० की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की।
प्रभाकर जी को सन् 2013 में आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी निबन्ध प्रतियोगिता में पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा द्वारा सम्मानित किया गया। 2017 में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय द्वारा काव्यपाठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

"सौन्दर्यस्थली कालाकाँकर" संस्मरण पर प्रसिद्ध लेखिका ममता कालिया ने कहा- "इस कृतघ्न समय में तुमने कालाकाँकर के प्रति कृतज्ञता और संवेदना प्रकट की, यह उल्लेखनीय है।"

प्रसिद्ध कवि व आलोचक डॉ. रामाज्ञा शशिधर ने कहा- "मुझे प्रसन्नता है कि एक अभिनव गद्यकार का जन्म हो रहा है। प्रकृति, सृजन और इतिहासबोध के गठन से सृजित गद्य के लिए विमल कुमार प्रभाकर को बधाई। निबन्ध और ललित निबन्ध का मैदान तुम्हें पुकार रहा है।"

विमल कुमार 'प्रभाकर' की बचपन से ही साहित्य एवं संगीत में विशेष रुचि रही है । प्रभाकर जी की भाषा परिमार्जित खड़ी बोली है । भाषा में नवीनता, सजीवता और प्रवाहमयता है। प्रभाकर जी आलोचना, निबन्ध, संस्मरण आदि विभिन्न विधाओं में लगातार सक्रिय लेखन कर रहें हैं।

उद्धरण (1)



संस्मरण (1)



आलेख (1)



            

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